Tuesday, August 16, 2016

Eidul azha new shayri.in hindi

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                ईदुल     अज़हा

  इब्तिदा ये शायरी हे उस खुदा की शान में
  जिसका हमसर कोई नहीं सारे जहान में

              क़ब्ल इसके हम करे कुछ अपना कलाम
              भेज लें पियारे नबी पर दुरूद वो सलाम

  सब से पहले हो मुबारक मुबारक ईदुलाज़हा तुम्हें
     फिर इजाज़त दीजिए कुछ कहने की हमें

     ज़िल हिज्ज के चाँद की जब हम को होगी खबर
         दिल में खुशी होगी हमारे कुछ इस क़दर

  सोचते होंगे के क़ुरबानी करेंगे हम जनाब
  कर खुदा को राज़ी सवाब पायेगे बे हिसाब

         फ़ज़ीलते माह में पियारे नबी का फरमान हे
            अव्वलं नो रोज़ में तो बड़ा ही इनाम हे

  एक रोज़ह मिस्ल हे (बराबर हे) एक साल
  और योमे अरफात का साइम् तो हे बे मिसाल

     लायेगें भेड़ व बकरी खरीद कर हम जनाब
    और भी होंगे मुवेशि जिनकी क़ुरबानी हे हलाल

  बस एक बात का ख्याल रखना हे हमें
  अर्ज़ करदूं ताके कोई ज़रर न हो तुम्हे

     लंगड़ा काना और न ऐसा दुबला हो जानवर
     ज़ाहिरं हड्डियां उसकी न आये बिलकुल नज़र

वक़्ते शिरा जानवर की कीमत में न करना तुम कमी
   हो बेहतर से बेहतर जानवर अफज़ल हे यही

       क़ुरबानी के मज़ीद मसाइल भी हैं जनाब
      रबते उलमा से मिलेंगे आप को बे हिसाब

   सोचता हूँ तारीख पर भी डालूं एक नज़र
   वाकिया ऐ इब्राहीम भी लिख डालूं इधर

     शोक से लिखा हे इस वाकिये को तारीख ने
     के ख्वाब देखा था औक हज़रते इब्राहीम ने

  बेटे को ज़िबह करते देख होगये हैरान पिदर
  करदिये ज़िबह ऊँट इब्राहीम ने बे ज़रर

       तीन दिन तक खवाब ये ही आया नज़र
       फिर समझ आया के मतलूब हे नूरे नज़र

  उठ के पहुंचे पहले हाजरह के पास वह
  सोचते थे के हाज़रह पर ये ज़ाहिर न हो

    इस्माईल को लेकर गए वह मीना के मैदान में
       तीन बार मारी कंकर रास्ते में शैतान के

  बोले ज़िबह का हुक्म हे तुमको ऐ मेरे नूरे नज़र
    इस्माईल बोले आप न करे बिलकुल फिकर

     ऐ अब्बु जान हुक्मे रब हे तो जल्दी कीजिए
     मेरी जानिब से बिलकुल भी न गम कीजिये

ज़िबह होने के लिए में बिलकुल तय्यार हूँ
    फैसला ऐ रब से में बहुत ही शाद हूँ

     लेटा दिया आप ने इस्माईल को ज़मीन पर
     हाथ में ली छुरी और पटटी बांधी आँख पर

   हुक्मे रब से वह छुरी इस्माईल पर न चली
   लाख कोशिश की पर वह छुरी न चली

      इधर होगया हुक्म दुंबा लाने का जिब्राईल को
      दुंबा रख कर जिब्राईल ने निकाला इस्माईल को

  होते ही ज़िबह खोली आँख जेसे इब्राहीम ने
  पाया दुंब ज़िबह जो भेज था मालिक ऐ अज़ीम ने

  कर के दुंबा ज़िबह सवाब पाया बेटे का इब्राहीम ने
  उधर कामयाबी का मिला परवाना शहंशाह ऐ क्रीम से

     देकर शिकस्त शैतान को इब्राहीम गए अपने खर
     फ़ज़ल ऐ खुद से साथ हैं उनके नूर ऐ नज़र

  फिर घर आकर आपने बताया सारा माजरा
  ये सुन कर बहुत खुश हुवी हज़रत ऐ हाजरा

     वाकिया ऐ इब्राहीम तो पढ़ ही लिया आप ने
    के केसी क़ुरबानी पेश की इन बेटे और बाप ने

  मेरे मोला को इतनी पसंद आई क़ुरबानी जनाब
  वाजिब हे हम पर भो गर हो साहिब ऐ निसाब

      कोई गरीब भी करता हे क़ुरबानी जनाब
      मालिक ऐ दो जहाँ देंगे उसे बेहद सवाब

  फ़ज़ीलत ऐ क़ुरबानी में से ये भी खास हे
  क़तरा ऐ लहू गिरने से क़ब्ल गुनाह भी माफ़ हे

    हो क़ुरबानी में ऐसा जानवर जिसकी क़ुरबानी हो हलाल
   अफज़ल हे यही के ज़यादह से ज़यादह हो उसके बाल

  दोस्तों हर बाल के बदले बढ़ा कर नेकी दी जायेगी
  और शये मज़बूहा को बढ़ा कर भी तोली जायेगी

     इसी लिए मोटा फरबह हो क़ुरबानी का जानवर
    ता की तू हश्र में हो बहुत ही नामवर

  10 ज़िलहिज्ज से होगी क़ुरबानी ये तो सब को याद हे
  कर के तसव्वुर बस यही साजिद बहुत ही शाद हे

    बस याद रखना हे ये ईद रहती हे तीन दिन
  इब्तिदा ऐ तकबीर योम ऐ अरफात हे और इंतिहा बस पांच दिन

   मुख़्तसर करदिया साजिद बिजनोरी  ने अपना कलाम
    पढ़ने वालो को हे अहल ऐ बिजनोर की जानिब से सलाम

कातिब।।।साजिद मालिक मख्वाडा बिजनोर
साजिद मालिक मोबाइल नंबर 8449121198
Sajid malik phone number
8449121198

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